Internet in Hindi:- अगर आप भी जानना चाहते हैं की इंटरनेट किसे कहते हैं (What is Internet in Hindi) के बारे में वो भी हिंदी में तो आप बिलकुल सही वेबसाइट पे आए हैं यहाँ आपको मैं पूरी जानकारी मिलेगी की इंटरनेट किसे कहते हैं (What is Internet in Hindi) और आप इसे कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं वो भी संछेप में।
What is Internet in Hindi
इंटरनेट क्या हैं? What is Internet in Hindi
इंटरनेट कम्प्यूटरों का एक विश्वव्यापी नेटवर्क हैं जो एक दूसरे कम्प्यूटरों को एक तार में बाँधता है। फाइबर – ऑप्टिक केबल, फ़ोन और वायरलेस सिग्नल की मदद से सारे कंप्यूटर एक दूसरे से जुड़े होते हैं और विदयूत्त की गति से सुचना का प्रवाह करते हैं।
किसी एक कम्प्यूटर का इस विशाल नेटवर्क से जुड़ने और नेटवर्क के विशाल संसाधन का इस्तेमाल करने के लिए एक मॉडम और साथ ही साथ इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर की आवश्यकता पड़ती है।
मॉडम की मदद से कंप्यूटर सुचना का आदान–प्रदान करता हैं । यह एक प्रकार से कम्प्यूटरों के लिए टेलीफोन जैसा कार्य करता है। इन्टरनेट सर्विस प्रोवाइडर कम्प्यूटर को विश्वस्तरीय नेटवर्क से जोड़ता हैं।
मॉडम आपके कम्प्यूटर को इन्टरनेट सर्विस प्रोवाइडर से जोड़ता हैं जो तदुपरांत कम्प्यूटर को इंटरनेट से जोड़ता है।
इंटरनेट से जुड़ने के साधन Ways to Join Internet in Hindi
इंटरनेट से जुड़ने के यूँ तो अनेक तरीके हैं लेकिन मुख्य साधन सिर्फ दो हैं: डायल–अप और ब्रॉडबैंड। डायल–अप धीमी गति से कार्य करने वाला साधन हैं जो हर ऐसे जगह कार्य कर सकता हैं जहाँ टेलीफोन के तार हैं यानी लगभग हर जगह।
साधन को उपलब्धि आपके रहने के स्थान पर निर्भर होती है। ब्रॉडबैंड तेज गति से कार्य करने वाला साधन हैं जिसे किसी केबल कम्पनी, डिजीटल सैटेलाइट सर्विस, टेलीफोन कम्पनी और वायरलेस इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर के द्वारा प्राप्त किया जा सकता हैं।
किसी भी साधन की गति अपने आप में सापेक्ष है। डकेडिकेटेड (लीज्ड) लाइन की गति अमूमन सबसे तेज हैं इसके बाद फिक्स्ड वायरलेस (मोबाइल वायरलेस की गति इससे कम होती है), केबल, डिजिटल सब्सक्राइबर लाइन और सैटेलाइट।
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इन सबके बावजूद अनेक अन्य) कारणों से भी गति कम हो जाती हैं कम्प्यूटर से संपर्क साधने की। अगर आप किसी बड़े शहर में रहते हैं तब आपने लिए अनेक संपर्क साधन उपलब्ध हैं,
जैसे स्टैन्डर्ड मॉडम टेलीफोन लाइन के जरिये, डी एस एल मॉडम, केबल मॉडम, सैटेलाइट या (वायरलेस कनेक्शन (फिक्स्ड या माबाइल)। इनमें से किसी भी विकल्प का चुनाव मुख्य रूप से तनी बातों पर निर्भर करता हैं:
- उपलब्धता– अगर आपके घर के आस–पास केबल या सर्विस उपलब्ध नही हैं तब आपको फोनलाइन द्वारा प्रदान कराये गये डायल–अप सर्विस या सैटेलाइट पर निर्भर कर रहना होगा जो अमूमन सर्वधा उपलब्ध हैं।
- गति–वहन करने की क्षमता के अनुसार आप सबसे तेज सर्विस का चुनाव करें। अगर आप इन्टरनेट का कम ही उपयोग करते हैं फिर भी भारी भरकम डाउनलोड करते समय आप तेज गति को जरूरत महसूस करेंगे।
- कीमत– डायल–अप सर्विस का मासिक किराया तकरीबन 100 रुपये हैं (सर्विस टैक्स इसके उपर लगेगा । ) तो केबल या सैटेलाइट का 25000 रुपये से भी ज्यादा हो सकता हैं (सैटेलाइट सर्विस के स्थापना के लिए अग्रिम में 40000 रुपये भी देते पड़ते हैं वैसे कूछ के सैटेलाइट इंटरनेट कम्पनियों कूछ छूट भी देती हैं अगर लम्बे समय के लिए करार किया जाय)
कनेक्शन के चुनाव के वक्त निम्न बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए। आपको यह भी जानने की जरूरत होगी कि आपके आसपास किस प्रकार के कनेक्शन उपलब्ध हैं।
टिप्स…
कनेक्शन को गति किलोक्टिस् प्रति सेकंड यानी 1000 विट्स प्रति सेकंड और मेगाबिट्स प्रति सेकंड यानी 100 लाख बिट्स प्रति सेकंड में मापी जाती है.
केबल मॉडम के द्वारा कनेक्शन with Cable connection of Internet in Hindi
- केबल टेलीविजन की ही तरह पी सी को केबल इंटरनेट से जोड़ने पर हाई स्पीड डेटा का ट्रान्सफर होता है जिससे कि आप टीबी के ही समान इंटरनेट पर भी सफर कर सकते हैं।
- गति– प्राय: गति 4Mbps से 20Mbps की होती हैं लेकिन वास्तविक रूप में डाउनलोड की गति 3Mbps से 6Mbps तक पायी जाती हैं।
- कीमत– गति कीमत पर निर्भर करती हैं। इसके अलावा मॉडम कीमत भी देनी होती हैं जो केवल कम्पनी या ता नि:शुल्क उपलब्ध कराती हैं या प्रतिमाह चार्ज करती हैं ।
- खामियां– इंटरनेट की गति इस बात पर भी निर्भर करती हैं कि उपलब्ध बैंडविडथ को उस इलाके में कितने लोग उस वक्त शेयर कर रहे हैं और कितना डाउनलोड कर रहें हैं।
डी एस एल के द्वारा कनेक्शन Connection of Internet in Hindi with DSL
डी एस एल साधारणत: आसनी से उपलब्ध होता हैं यह कुछ सस्ता भी पड़ता हैं लेकिन गति अमूमन कम होती हैं:
- गति– प्राय: गति 768 Kbps से 7.1 Mbps
- कीमत– यह कीमत पर निर्भर करती हैं इसके आलावा मॉडम की भी कीमत चुकानी पड़ती हैं जो फोन कम्पनियां या तो मुफ्त उपलब्ध कराती हैं या प्रति माह चार्ज करती हैं।
- खामियां– डी एस एल से कनेक्शन प्राप्त करने के लिए फोन कैम्पनी के स्विचिंग प्वाइंट से आपका पी सी 3 मील से कम होना चाहिए।
सैटेलाइट ब्रॉडबैंड for Internet in Hindi
अगर आपको केबल या डी एस एल का कनेक्शन नही मिल पा रहा हैं तब आपको सैटेलाइट ब्रॉडबैंड पर निर्भर रहना पड़ेगा।
- गति– इसमें गति सिर्फ 500 Kbps से 6 Mbps हैं लेकिन वास्तव में इससे कुछ कम ही होती हैं विशेषतः उस वक्त जब आप कम्प्यूटर से डेटा अपलोड कर रहे हों।
- कीमत– यह गति और बैडविड्थ पर निर्भर करती हैं । हार्डवेयर और इंस्टालेजशन के लिए 40,000 रुपये अदा करनी होती हैं किन्तु कूछ सैटलाइट कम्पनियाँ छूट देती हैं अगर लम्बे समय तक के लिए कनेक्शन का करार किया जाये।
- खामियाँ– सैटेलाइट सर्विस धीमी होती हैं और, खर्चीला होने के बाबजूद कम विश्वसनीय हैं फिर भी डायल–अप से विश्वसनीयता में बेहतर। संभवत: आपको आने घर के ऊपर या नजदीक सैटेलाइट डिश भी लगाना पड़े।
टिप…
अगर आप सैटेलाइट कनेक्शन का चुनाव कर रहे हैं तो बैंक अप के तौर पर एक डायल–अप करनक्शन भी रखें जिससे कि आधी, तूफान या घने बादलों के वक्त भी संपर्क बना रहे.
वायरलेस इंटरनेट Wireless Internet in Hindi
वायरलेस इंटरनेट दो रूप में उपलब्ध हैं फिक्स्ड और मोबाइल! फिक्स्ड वायरलेस में आप अपने घर या दफ्तर में एक एंटेना लगाते हैं और किसी विशेष सिग्नल टावर से संपर्क करते हैं।
ग्रमीण क्षेत्र में फिक्स्ड वायरलेस अब केवल, डीएस एल और सैटेलाइट कनेक्शन से सदृश हो रहा हैं। मोबाइल वायलेस कनेक्शन ठीक उसी प्रकार का है जैसा कि आईफोन।
ध्यान देने योग्य बातें:
- गति– साधारणत: गति 256kbps से 1Mbps तक की होती हैं। नये टेक्नोलॉजी 100Mbps तक की गति प्रदान करते हैं। मोबाइल यूजर्स के लिए और 1Gbps फिक्स्ड वायरलेस के लिए। लेकिन घरों में 1Mbps से 10Mbps तक की ही गति प्राप्त हो सकेगी।
- कीमत– कीमत कनेक्शन की गति पर निर्भर करती हैं। जैसे 256Kbps कनेवशन के लिए आप 100 रुपये प्रति माह देंगे और IMbps के लिए 500 रुपये। बहुत सारे इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स 1Mbps बहुत ज्यादा कीमत लेते हैं विशेषत: उन क्षेत्रों में जहाँ विकल्प के रूप में सिर्फ सैटेलाइट कनेक्शन उपलब्ध हैं।
- खामियाँ– कम्यूनिकेशन टावर से कम्प्यूटर की दूरी, इन दोनों के बीच कुछ रुकावटें इत्यादि गति और निर्भरता को बाधित करती हैं। प्राय: सर्विस प्रोवाइडर्स गति को कूछ एक मेगाबाइट से गीगाबाइट तक ही सीमित रखते हैं। अधिक इस्तेमाल करने के अलग से चार्ज करते हैं।
वायरलेस इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर (WISP) और वायरलेस मॉडम (एडैप्टर) खरीदते वक्त निम्न चीजों का ध्यान रखना चाहिए।
- वाई फाई– घर या हॉटस्पॉट से वायरलेस नेटवर्क स्थापित करते वक्त ऐसे मॉडम का चुनाव करना चाहिए जो 802.11g( 54Mbp तक) या 802.11n ( अमूमन 600 Mbps तक) स्टैंडर्ड को सपोर्ट करें।
- वाईमैक्स– यह एक उन्नत प्रकार का वाईफाई है जिसकी गति तेज हैं और कार्यक्षेत्र बड़ा। ऐसा वायरलेस इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर जो वाईमैक्स (802.16 ) को सपोर्ट करता हो आपको सर्विस प्रोवाइडर के पुरे क्षेत्र में (कहीं भी) कनेक्शन उपलब्ध करायेगा।
- एल टी ई-(लॉग टर्म इवॉल्यूशन) काफी मायनों में वाईमैक्स के सदृश हैं।
- इजी– थर्ड जनरेशन वायरलेस कम्यूनिकेशन्स टेक्नोलॉजी। वाई मैक्स और एल टी ई दोनों 3 जी को सपोर्ट करते हैं।
- 4जी– यह एक उच्च श्रेणी का वायरलेस टेक्नोलॉजी हैं जो डाउनलोड करते वक्त 1Gbps(फिक्स्ड वायरलेस के लिए और 100 Mbps(मोबाइल यूजर्स के लिए) की गति प्रदान करता हैं। यह उसी के मुकाबले करीब 10 गुणा तेज हैं।
वाईमैक्स और एल टी ई भी अब गति में 4 जी से मुकाबला कर रहे हैं यहाँ तक कि बहुत कम्युनिकेशन कम्पनियाँ 4जी के एल टी वर्सन भी उपभोक्ता को उपलब्ध करा रही हैं।
अगर आप WISP ( वायरलेस इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर) की खोज में हैं तब पहले आप प्रमुख कम्पनियाँ जैसे AT&T, जाकर जानने को कोशिश करें कि क्या वे आपके क्षेत्र में WISP सर्विस उपलब्ध कराती हैं।
डायल–अप कनेक्शन of Internet in Hindi
चुंकि डायल–अप सबसे सस्ता होने के साथ साथ, सर्वथा उपलब्ध हैं कम गति होने के बावजूद यह कनेक्शन आज भी टीका हुआ हैं।
- गति– साधारणत: इसकी गति 56Kbps है लेकिन प्राय: यह आपको 28 से 44Kbps की गति का कनेक्शन प्रदान करती हैं डाउनलोड करते वक्त और इससे भी कम अपलोड करते समय।
- कीमत– प्राय: 500 से 1000 रुपये प्रति माह।
- खामियाँ– धीमी गति। डायल–अप मॉडम काफी मानक (स्टैन्डर्ड) हो चुके हैं इसलिए 56 Kbps V.92/V.44 वाले मॉडम (किसी भी कम्पनी द्वारा निर्मित जैसे कि 3 कॉम, जूम या यू ए रोबोटिक्स इत्यादि) का आप बखूबी इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर आपके पी सी में एक्सपैंशेन स्लॉट बनाया हुआ हैं तब आप इन्टर्नल मॉडम भी आराम से कनेक्शन साध सकते हैं। अगर आप एक्सपैंशेन स्लाट का इस्तेमाल किसी और के लिए करने के इच्छुक हैं तब आपको एक यूएस बी ( USB ) खरीदनी चाहिए।
प्राय: सारे मॉडम वायस, फैक्स, वीडियो फोन को सपोर्ट करते हैं लेकिन तब आप उनके उत्पाद विवरण
के बारे में पर्याप्त जानकारी हासिल कर लें।
इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर
प्राथमिक तौर पर आप इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर की जानकारी अपने पड़ोसी या व्यापार सहयोगियों से प्राप्त करें, क्योंकि वे इस प्रोवाइडर का पसंद करते हैं इत्यादि।
इसके अलावा आप इंटरनेट से भी आपके इलाके में सर्विस प्रोवाइडरों की तलाश कर सकते हैं। इसके लिए आप अपने रिश्तेदार या मित्र के कप्यूटर को इस्तेमाल कर सकते हैं। यह कार्य किसी पुस्तकालय के कम्प्यूटर से भी किया जा सकता हैं।
अगर आपके पास ऐसे कोई भी साधन उपलब्ध नहीं हैं तब आप निम्न तरीका अपना सकते हैं।
- अपने टेलीफोन कम्पनी से जानकारी प्राप्त करें। प्राय: वे डी एस एल और वायरलेस इंटरनेट सर्विस उपलब्ध कराती हैं अगर नहीं तो वे यह सुझाव दे सकती हैं कि कौन सी कम्पनी ऐसे कनेक्शन प्रदान कर सकती हैं। आप पैकेज के बारे में भी पूछे।
- आप अपने केबल या सैटेलाइट कम्पनी से संपर्क करें। बहुत संभव हैं कि वे कम्पनियाँ इंटरनेट के कनेक्शन के लिए भी सर्विस उपलब्ध कराती हों। अगर हैं तो उनसे पैकेज के बारे मे पता करें।
- यैलो पेजेज में इंटरनेट के अन्तर्गत ढूँढें। अधिकांश फोन डायरेक्टरीज इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडरों के बारे में सूचना देती हैं।
कनेक्शन स्थापित करना Connection Establishment for Internet in Hindi
अगर आप किसी इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर से ब्रॉडबैंड कनेक्शन ले रहे हैं तब वह इंसटालर स्थापित करने का दिन और समय निर्धारित करेगा।
अगर आप ‘ऑलवेज ऑन कनेक्शन‘ प्राप्त कर रहें हैं तब जब तक आपका पी सी, ब्रॉडबैंड मॉडम और रूटर (अगर आप इसे इस्तेमाल कर रहें हैं) खुला (ऑन) रहेगा, कनेक्शन उपलब्ध रहेगा।
अगर आप डायल– अप सर्विस चाहते हैं तब आपका सर्विस प्रोवाइडर, इंटरनेट कनेक्शन स्थापित करने के लिए इंटरनेट कनेक्शन सेटिंग की जानकारी देगा जिसमें आप फ़ोन नम्बर, लॉग–इन नेम, और पासवर्ड की मदद से इंटरनेट कनेक्शन स्थापित कर सकते हैं इसके लिए आपका विंडोज में निम्न कार्य करने होंगे।
- क्लिक स्टार्ट– कन्ट्रोल पैनल नेटवर्क और इंटरनेट नेटवर्क और शेयरिंग सेंटर
- चेंज योर नेटवर्क सेटिंग्स के नीचे आप सेटअप ए न्यू कनेक्शन या नेटवर्क पर क्लिक करें।
- सेट अप ए डायल अप कनेक्शन पर क्लिक करने के पश्चात् फिर नेक्स्ट पर क्लिक करें।
- क्रिएट ए डायल–अप कनेक्शन विजार्ड में दिये गये निदेश के अनुसार अपने इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर से कनेक्शन स्थापित करें।
- डायल–अप कनेक्शन स्थापित करते वक्त आपका मॉडम सर्विस प्रोवाइडर को डायल करेगा तत्पश्चात् लॉग–इन करने पर इंटरनेट से संपर्क हो जायगा। जब आप सॉफ्टवेयर को इंस्टॉल करते हैं तब आपके कम्प्यूटर के डेस्कटॉप पर एक आइकॉन उभरता हैं जिसे क्लिक या डबल क्लिक करने पर इंटरनेट से जिस वक्त भी आप चाहें कनेक्शन हो जायेगा। अगर आपके डेस्कटॉप पर आइकॉन नजर नहीं आ रहा हैं तब आप कनेक्शन के लिए निम्न कार्य करें:
क्लिक स्टार्ट कन्ट्रोल पैनेल नेटवर्क और इंटरनेट नेटवर्क और शेयरिंग सेंटर
डायल–अप के आइकॉन (डेस्कटॉप पर उभरे आइकॉन पर डबल क्लिक करें। विंडोज अपने आप सर्विस प्रोवाइडर को डायल करने के बाद आपका यूज़रनेम व पासवर्ड अपने डायल–अप आइकॉन सिस्टम ट्रे (विंडोज डेस्कटॉप के निचले भाग में दाहिनी ओर) पर उभर जायेगा।
यह आइकान देखने में दो कप्यूटर एक साथ हों समान नजर आयेगा। आइकॉन के उपर माउस का पाइंटर रखने पर कनेक्शन की गति दिखेगी और उस पर क्लिक करने पर कनेक्शन संबंधी अतिरिक्त जानकारी प्राप्त हो सकेगी।
कनेक्शन काटने के लिए आइकॉन पर माउस से राइट क्लिक करना होता हैं।
कनेक्शन के गति की जांच Check Speed of Internet in Hindi
किसी भी प्रकार से आपका कप्यूटर इंटरनेट से कैनक्ट हुआ हो इसकी गति निर्भर करती है मॉडम के चलने की गति, फोन लाइन और ऑप्टिकल फाइबर की स्थिति, उस वक्त नेटवर्क पर उपभोक्ताओं के यूसेज का बोझ और अन्य बाहय कारणों इत्यादि।
अगर आप महसूस करते हैं कि कम्प्यूटर की गति अत्यधिक धीमी हैं तब अन्य वेबसाइटों के जरिये गति की वास्तविक जानकारी ले सकते हैं।
टॉस्क बार में इंटरनेट एक्सप्लोरर बटन को क्लिक करें। इंटरनेट एक्सप्लोरर विंडो खुल जायेगा और स्वत: डाउनलोड करके आपको कनेक्शन के गति की सुचना देगा।
विन्डो के उपरी भाग में स्थित एंड्स बार को क्लिक करें और टाइप करें https://www.speedtest.net/ उसके बाद Enter बटन दबायें।
इससे आपके कम्प्यूटर का संपर्क मैकफी के इंटरनेट कनेक्शन स्पीडोमीटर से हो जायेगा। फिर आप “क्लिक डियर टु टेस्ट नाउ लिंक‘ को क्लिक करें। आपके कप्यूटर पर स्वत: ही कनेक्शन की गति दिखेगी।
वर्ल्ड वाइड वेब for Internet in Hindi
इंटरनेट पर उपलब्ध सभी प्रावधानों में वर्ल्ड वाइड वेब (संक्षेप में वेब) सबसे ज्यादा रोमांचकारी हैं यह दुनिया भर के कम्प्यूटरों पर उपस्थित दस्तावेजों का एक ढीला–ढाला समूह हैं।
जो बात इन दस्तावेजों को अद्वितीय बनाता हैं वह हैं प्रत्येक पृष्ठ एक या एक से अधिक अन्य दस्तावेजों के लिए लिंक प्रदान करना। ये दस्तावेज एक ही कम्प्यूटर पर संगृहीत हो सकते हैं,
या किसी भी अन्य पर और दुनिया के किसी भी कम्प्यूटर पर आप इन लिंक के जरिये एक डॉक्यूमेंट से दूसरे डॉक्यूमेंट पर जा सकते हैं।
डॉक्यूमेंट का अर्थ कदापि भारी भरकम शब्दजाल नहीं हैं बल्कि इसमें सारे वेब डॉक्यूमेंटस जैसे कि पिक्चर्स, साउंड, वीडियो क्लिप्स एनिमेशन्स और इंटरएक्टिव प्रोग्राम्स इत्यादि शामिल रहते हैं।
जैसा कि आप इस अध्याय में देखेंगे वेब पर प्रायः सब कुछ जिसमें आपको रुचि हो उपलब्ध हैं– म्यूजिक, मूवी, खेल संबंधी, वित्त एवं पूंजी, विज्ञान, साहित्य, यात्रा, ज्योतिष, शॉपिंग, सौंदर्य इत्यादि।
वेब ब्राउजर for Internet in Hindi
वेब पर जाने के लिए एक विशेष प्रोग्राम की आवश्यकता पड़ती हैं जिसे वेब ब्राउज़र के नाम से जाना जाता हैं। आप अपने इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर की मदद से वेब ब्राउजर पर पहुँच कर किसी भी डॉक्यूमेंट को अपने स्क्रीन पर देख पाते हैं।
विंडोज 7 में इंटरनेट एक्सप्लोरर नाम का वेब ब्राउजर होता हैं। अन्य वेब ब्राउज़र हैं। (नि:शुल्क) मोजिला फायरफाक्स (www.mozilla.com),गूगल (www.google.com) सफारी(www.apple.com/safari) ओपेरा(www.opera.com)।
इस अध्याय में प्राय: इंटरनेट एक्सप्लोरर उदाहरण प्रस्तुत किये गये हैं। अगर आप किसी अन्य वेब ब्राउजर को प्रयोग में लाते हैं तो भी कोई चिंता की बात नही। सभी ब्राउजर को कार्य प्रणाली लगभग समान हैं।
इंटरनेट एक्सप्लोरर के माध्यम से वेब पर जाने के लिए टास्क बार इंटरनेट एक्सप्लोरर के आइकॉन को क्लिक करें । इंटरनेट एक्सप्लोरर का ‘होम पेज‘ खुल जायेगा।
किसी लिंक को क्लिक कर आप वेब पर विचरण कर सकते हैं। जब माउस का पॉइंटर किसी लिंक के ऊपर आता हैं तब पॉइंटर का रूप ऐरो (तीर के समान) से हैंड (हाथ) के रूप में बदल जाता हैं ।
बैक बटन को क्लिक करने पर ठीक पहले का पेज सामने आ जायगा और फारवर्ड बटन क्लिक करने पर वह पेज खुलेगा जिसे बैक बटन क्लिक करने के ठीक पहले पढा था।
Google Images
अगर आप किसी लिंक को क्लिक करते हैं जिसके उत्तर में एक मेसेज आता हैं कि आप इस पेज नहीं खोल सकते या नहीं पढ़ सकते तो चिंतित होने की कोई बात नहीं।
तुरंत बैक बटन क्लिक कर फिर उसी लिंक पर कोशिश करें। अगर फिर भी उस वक्त नहीं खुलला तो कूछ देर बाद दोबारा कोशिश करें। कभी कभी ऐसा होता हैं कि उस चाहे हुए पेज में कोई कमी हो,
कूछ खामी हो या उस पेज को कुछ समय के लिए हटा दिया गया हो, वेब के बदलते परिवेश में यह सब अक्सर होता रहता हैं। परेशान होने को कतई बात नहीं हैं।
उस वक्त जब आप इंटरनेट से जुडे हुए नहीं हैं तब ब्राउजर स्टार्ट करने पर एक मेसेज दिखेगा कि होम पेज लोड नही हो रहा हैं । अगर आपके पास स्टैंडर्ड मॉडम कनेक्शन हैं तब आप को फिर से इंटरनेट से कनेक्शन स्थापित करने को आवश्यकता पड़ेगी
वेब पेज एड्रेस के बारे में of Internet in Hindi
प्रत्येक वेबसाइट का एक एड्रेस होता हैं जो उसके स्थान (लोकेशन) को निर्दिष्ट करता हैं। अगले बार जब भी आप TV या कोई पत्रिका पढ़े तब उसमें दिये गये एड्रेस की ओर ध्यान दें।
वेब एड्रेस को साधारणत: URL (यूनिफार्म रिसोर्स लोकेटर) कहा जाता हैं। ये URL आपको किसी पेज विशेष को खोलने में कार्य करते हैं। जैसे www.si.edu स्मिथसोनियन इंस्टीट्यूट को परिभाषित करता हैं या www.walmart.com वॉलमार्ट के बारें में सूचना देता हैं।
आप www.si.edu या कोई अन्य ऐड्रेस वेब ब्राउजर पर लिखते हैं (विंडोज से उपर दिये गये टेक्स्ट बॉक्स इससे इस ऐड्रेस का पेज वेब ब्राउजर आपके स्क्रीन के आमने पेश करता हैं।
किसी भी वेब पेज के URL की शुरुआत http:// से होती हैं। जैसे न्यूज़ग्रुप साइटों की शुरुआत होती हैं news:// A FTP साइट्स(इसके जरिये आप किसी फाइल को अपलोड या डाउनलोड करते हैं) के URL शुरुआत। ftp:// से होती हैं।
किसी फाइल को वेब पेज का प्रारूप देते के लिए HTTP (हाइपर टेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकाल) नामक कोड सिस्टम को प्रयोग में लाया जाता हैं। किसी भी URL में दिये गये पते किसी विशेष पेज को निर्दिष्ट करते हैं।
URL लिखते वक्त आप चाहे तो http:// और www एड्रेस बार पर नही भी लिख सकते हैं। डोमेन नेम (जैसे walmart.com) अंग्रेजी अल्फावेट (जैसे A, B, C , a, b, c) संवेदी नहीं होते हैं।
अगर आप joekraynak.com या joekraynak.com लिखे दोनों ही स्थिति में वेब ब्राउजर सही पेज ही स्क्रीन पर पेश करेगा। ध्यान देने बाली बात यह हैं किjoekraynak.com तक तो ठीक हैं लेकिन इसके बाद की शब्दावली संवेदनशील होती हैं।
अगर आपने joekraynak.com/aboot लिखा हैं तब एक पेज खुलेगा लेकिन आपने joekraynak.com/aboot लिखा हैं तब गलत (एरर error) मेसेज स्क्रीन पर दिखेगा।
गूगल एवं अन्य सर्च इंजिन्स की मदद से इच्छित सामग्री खोजना
वेब पर अरबों की संख्या में सुचना भरी पड़ी हैं। सूचना के इस व्यापक राशि में से कुछ विशेष खोज पाना एक कठिन कार्य हैं। वेब आमतौर पर एक बहुत बड़े लाइब्रेरी के समान नजर आता हैं,
जिसने त्यूवी डंसीमल सिस्टम (लाइब्रेरी में पुस्तकों को आसानी से खोजा जा सके) का ,परित्याग कर, सारी पुस्तकों को लाइब्रेरी के बीच में अव्यवस्थित तरीके से रख छोड़ा हैं। ऐसे में आप कैसे मनचाही सूचना को ढूँढ पायेंगे?
ऐसे में आपको इंटरनेट सर्च इल की मदद लेनी होगी। आपको एक ऐसे साइट पर जाने की आवश्यकता पड़ेगी जिसमें सर्च इल विद्यमान हो।
आप उसमें जाकर इच्छित सूचना (जानकारी) के विषय पर दो–चार शब्द लिखे और सर्च बटन को क्लिक करें। वेब पर कुछ प्रचलित सर्च इल के नाम हैं
www.google.com, wwww.bing.com
www.yahoo.com, wwww.ask.com
प्राय: सारे वेब ब्राउजर्स में सर्च आप्शन्स (विकल्प) दिये रहते हैं जो आपको विभिन्न सर्च टूल्स से संपर्क कराते हैं। उदाहरण के तौर पर इंटरनेट एक्सप्लोरर ऊपर दाहिनी दिशा में सर्च बॉक्स को दर्शाता हैं।
इस सर्च बॉक्स पर क्लिक करें और मनचाही जानकारी को ढूँढने के लिए इससे संबंधित दो–चार शब्द लिखें (जिससे कि सर्च इंजन को जानकारी मिल जाये कि आप किस तरह की जानकारी चाह रहे हैं। ) और क्लिक करें। क्लिक करने पर जो पेज खुलेगा उसमे से आप किसी एक पर क्लिक करें। इच्छित पेज खुल जायेगा।
लोगों से ऑनलाइन संपर्क with Help of Internet in Hindi
आप विशेष सर्च टूल्स की मदद से अपने मित्रों और संबंधियों से जुड़ सकते हैं। ये सर्च टूल्स इस्लेक्ट्रानिक टेलीफोन डायरेक्ट्री हैं जो आपको अपने मित्र या संबंधी के इमेल एड्रेस, पता और टेलीफोन नंबर को बतला पाने की क्षमता रखते हैं । इसके लिए निम्न साइट पर जाये :
www.whitepages.com; www.pipl.com; www.spokeo.com; www.anywho.com;
www.peekyou.com
अपने पुराने परिचितों से संबंध बनाने का सर्वसुलभ तरीका फेसबुक हैं।
प्राय: सभी वेब ब्राउजर, इंटरनेट एक्सप्लोरर समेत, में टैब्स का प्रावधान बनाया हुआ हैं जिसकी मदद से आप एक ही विंडो पेज पर एकाधिक अलग–अलग पृष्ठों को खुला रखने का विकल्प देते हैं।
सिर्फ टैब को क्लिक करके आप रवुले पेजों पर किसी भी पेज पर स्विच कर सकते हैं। किसी नये पेज को खोलने के लिए न्यू टैब बटन को क्लिक करें, जैसा कि चित्र में दिखलाया गया हैं, या कन्ट्रोल+T को पेस करें ।
डिफॉल्ट रूप में इंटरनेट एक्सप्लोरर नये टैब को खेल देता हैं। तत्पश्चात आप एड्रेस बॉक्स को क्लिक करने के बाद उसमें उस बेबसाइट एड्रेस को लिखें जिसे आप खोलना चाहते हैं। अगर आपको इच्छा हैं कि इंटरनेट एक्सप्लोरर ब्लैक टैब खोलने के बजाय किसी विशेष पेज को खोले तब आपको निम्न कदम उठाने पड़ेगे:
- क्लिक टूल्स इंटरनेट ऑप्शन्स अगर आपको टूल्स नजर नही आ रहा हैं तब आप टूल बार में बिल्कुल दाहिने ओर पर “>>” पर क्लिक करें।
- खुले टैब पर “सेटिंग्स” पर क्लिक करें।
- ओपन ओनली द फर्स्ट होम पेज व्हेन इंटरनेट एक्सप्लोरर स्टार्टूस‘ के बगल में क्लिक करें‘ /’ निशान दिखेगा।
- नये टैब में होम पेज खेलने के लिए व्हेन द न्यू टैब इज ओपन्ड ओपन पर क्लिक करें। तत्पश्चात् योर “फर्स्ट होम पेज” पर क्लिक करें।
- OK पर क्लिक करें।
किसी लिंक को क्लिक करटे वक्त आप चाहें तो उस लिंक पर उपस्थित सामग्री (जानकारी) की नये टैब या नये विन्डो में खोल सकते हैं। इसके लिए आप लिंक पर पहले राइट–क्लिक करें तदुपरांत क्लिक करें।
“ओपन इन न्यू टैब” या ओपन इन न्यू विंडो पर।
हिस्ट्री के साथ पीछे के पेजों को देखना
यूँ तो “बैक” और “फॉरवर्ड” बटन आपको उन पृष्ठों पर पहुंचाते हैं जिसको आपने पढा हैं फिर भी आपको ये बटन उन पृष्ठों पर नही पहुँचाते जिन्हें आपने कल या पिछले सप्ताह देखा/पढा हैं।
इस तरह की जानकारी शीघ्र प्राप्त करने के लिए आपने किन किन वेज पेजों को पढ़ा हैं आपको “हिस्टी लिस्ट” की मदद लेनी पड़ेगी।
हिस्टी लिस्ट पर जाने के लिए पहले क्लिक करें “फेवरिट्स” बटन पर (टैब्स के बाये दिशा मे हिस्ट्री बटन बना हुआ हैं) उसके बाद “हिस्ट्री” बटन पर क्लिक करें।
फिर आप “उस दिन या सप्ताह” पर क्लिक करें। क्लिक करते ही उन वेबसाइट के नाम आ जायेंगे जिनको आपने देखा/पढ़ा था उस दिना आप जिस पेज को खोलना चाहे उसके नाम पर क्लिक करें।
अगर, आप नहीं चाहते कि कोई यह जान सके कि आपने किन साइटों का विचरण किया हैं तो निम्न कदम उठायें:
- “फेवरीट्स” पर क्लिक करें हिस्ट्री राइट क्लिक करें पेज, साइट, दिन या सप्ताह पर जिन्हें आप हटाना चाहते हैं और फिर “डिलीट” पर क्लिक करें।
- क्लिक इल्स,इंटरनेट ऑप्शन, डिलीट, फिर प्रत्येक ग्रुप जिन्हें आप हटाना चाहते हैं सामने बने हैं। “चेक बाक्स” पर क्लिक करें और अन्त में डिलीट पर क्लिक करें।
पसन्दीदा पेजों (पृष्ठों) को “फेवरिट” लिस्ट में सुरक्षित रखना
आप पसंदीदा साइट और पेजों को भविष्य में तुरंत देख पाने के लिए “फेवरीट्स” मेनू में सुरक्षित कर सकते हैं किसी पेज को सुरक्षित करने के लिए उस पेज के ब्लैंक स्थान पर राइट क्लिक करें और “ऐड टू फेवरीट्स” हैं चुनें।
तब आप इन = पेज के नाम को “एडिट” कर “फेवरीट्स लिस्ट” में “ऐड” कर सकते हैं। इसके लिए एक नया फोल्डर बनायें (सब मेनू) जिसमें आप मनचाहे पेजों को सुरक्षित कर सकते हैं और फिर उस फोल्डर का चुनाव करें जहाँ आप इसे इन्सर्ट करना चाहते हैं।
अपना चुनाव इंगित करने के बाद “ऐड” बटन को क्लिक करें । प्राय: सभी ब्राउजर्स इस तरह को सुविधा प्रदान करते हैं जिन्हें “बुकमार्क्स” का नाम दिया जाता हैं।
टिप…
किसी भी पेज के खाली स्थान (ब्लैक एरिया) पर राइट–क्लिक करें और फिर क्लिक करें ‘क्रिएट शॉर्ट कट : इस प्रकार इस पेज का शाटकट आइकॉन डेस्कटॉप पर उभर आयेगा.
किसी “फेंवरिट पेज” को शीघ्र खोलने के लिए क्लिक करें “फेवरिट्स“. फिर उस फोल्डर को क्लिक करें जिसमें आपने “सेव” किये है और तत्पश्चात मनचाहे ” पेज” पर क्लिक करें. आप “फेवरिट मेनू” में “सेव” किये गये “पेजों” को “डाग और ड्रॉप” की मदद से ऊपर या नीचे ला सकते हैं.
अगर आप किसी “आइटम” को फोल्डर के ऊपर “ड्रैग” करने के बाद कुछ क्षण रुकते हैं तब इंटरनेट एक्सप्लोरर उस फोल्डर को खोल देगा. तत्पश्चात आप उस “आइटम” को “डग और डॉप” कर सकसे हैं.
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मैं आसा करता हूँ की आपको बहुत सारी जानकारी मिली होगी इंटरनेट (What is Internet in Hindi) के बारे में और अब आप प्रैक्टिकल कर के भी देख सकते हैं ताकि आपको और भी अच्छे से समझ आजाएगा अगर आप और भी जानना चाहते हैं डिटेल में तो यहाँ क्लिक करें।