If you searching for the best Poems in Hindi For Class 10 then, you are in the right place. Here I’m sharing with you unique Poems in Hindi For Class 10 which is really amazing and interesting.
- बदलती तस्वीरें – Poems in Hindi For Class 10
हर तस्वीर” की भी, तकदीर होती है । कोई दिल में बस्ती है, कोई दीवार पर होती है ।।
पुरानी एक किताब के, पन्नों को जो टटोला । उसमें रखी तस्वीर” ने, यादों का पिटारा खोला ।।
सीने में जब जब, सांसों को भरती हूं। तब तब तेरी यादों की, गलियों से गुज़रती हूं ।।
जाने कब तुम चुपके से, ये तस्वीर” यूं रख दिये । मीठी–मीठी यादों को, किताबी पन्नों से ढक लिये ।।
समय की धूल जैसे–जैसे, गुजरे वक्त के पन्नो पे जमी । कम होने लगी धीरे–धीरे, यादों से आई आखों की नमी ।।
सिर्फ मैं ही नहीं, देखती है मुझे ये तस्वीर” भी । यादों के झरोखों से देख, बदल रही है मेरी तकदीर भी।।
तू क्या जाने तेरी यादें, कितना मुझे रूलाई हैं । तस्वीर” तेरी मेरे दिल में समाई, किताब में सिर्फ आज नज़र आई है ।।
- मेरी सूरवी पलकें – Poems in Hindi For Class 10
कभी रात के अंधेरों ने, आंसुओं को छुपा लिया । कभी सुबह की धूप ने, बहते आंसू सूखा दिया ।।
निकले थे जो मेरे दिल से, तेरे दिल तक ना पहुच सके । सिसकियों में घुलकर जाने, कितने मोती खर्च चुके ।।
तन्हाई भी पूछे मुझसे, क्यों तुम तन्हा रहती हो । दबा के दिल में बातों को, खामोशी से कहती हो ।।
सूनी अकेली राहों पर, परछाई संग तुम चलती हो । खोकर किसी की यादों में, दिन रात तुम आहें भरती हो ।।
आओ देखो नई राहों को, फूल यहां भी खिलते हैं । अजनबी ही सहि लोग मगर, दोस्त फिर भी मिलते हैं ।।
किसी से दिल की बातों को, कहकर तो देखों ज़रा । भारी कोना दिल का तेरे, फिर ना होगा दर्द भरा ।।
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- निंदिया हमारी स्वपन तिहारे – Poems in Hindi For Class 10
इन सरसराती हवाओं ने, तुम्हारी याद दिलाई है । चुपके से खुमोशी से, मिलने की आस जगाई है ।।
फूलों की पंखुड़ियां छू कर, कोमल हाथों को महसूस किया । जब–जब दिल बैचेन हुआ, पास तुझे महसूस किया ।।
ठंडी–ठंडी हवा के रास्ते, तुम मुझको छू जाती हो । अपने मन के भेद ये सारे, मेरे मन को सुनाती हो ।।
तेरे ऐहसास से ही दिल में, शीतलता समाती है । तुझ बिन जीने की जो सोचूं, बैचेनी दिल में छाती है ।।
कितनी पक्की डोर‘ जुड़ी है, इन सच्चे मोह के धागों से । कितनी सुन्दर तान छिड़ी है, प्रीत के मीठे रागों से ।।
- वो गलियां – Poems in Hindi For Class 10
चलों चलें उन गलियों में, जहां पे मेले लगते थे । सखियां मिलकर गाती थी, और ढोल नगाड़े बजते थे ।।
क्यों वो गलियां खामोश हुई, आहों से मदहोश हुई ? हंसी, किलकारियां, चहल–पहल, खामोशी में क्यों समो गई ?
क्यों मैं जाऊँ ऐसी गलियां, जहां ना खुशियां बसती हैं । दिलों में नफरत की दिवारें, जिन्दगी भी जहां सस्ती है ।।
ज़माने से घर की खिड़कियां, दस्तक पर भी ना खुलती हैं । सूरज की किरणें भी जहां, घर आने को तरसती हैं ।।
छोटे–छोटे बच्चे भी, घर पर सहम के रहते हैं । एक छोटी सी आहट पर भी, डरकर नींद से जागते हैं ।।
जिन हाथों में किताबें थी, आज क्यों उनमें लाठी है । गली के कोने–कोने से, दर्द की आवाज़ आती है ।।
ना जाना उन गलियों में, तो आखें मूंद बैठना है । हालात08 बदलने के लिए, हम सब को ही कुछ करना है ।।
हर नफरत भरी निगाह” को, प्यार की राह दिखानी है । नफरत की ऊंची दिवारें, आज हमें गिरानी है ।।
फिर खोलें दरवाजे खिड़कियां, रोशनी को अन्दर आने दें। घरों में बैठे बच्चों को, गलियों में खेलने जाने दें ।।
- इक याद तुम्हारी याद रही – Poems in Hindi For Class 10
कभी ऐसे कुछ पल, जिन्दगी‘ में आते हैं, सूखे पत्ते जैसे हम, हवा संग उड़े जाते हैं । सोच की लगाम, दिल के हाथों सौप, दिल जो कहे बस, वहीं किये जाते हैं ।।
कभी ऐसे कुछ पल, जिन्दगी में आते हैं, जिस रास्ते की मंजिल नहीं, उस पर चले जाते हैं । बेफिक्र होकर हम, इतना आगे बढ़ जाते हैं, लौटना चाह कर भी हम लौट नहीं पाते हैं ।।
कभी ऐसे कुछ लोग, जिन्दगी में आते हैं, चंद दिनों की पहचान से, सदियों के रिश्ते बनाते हैं । दिलों की तारें कुछ ऐसे जुड़ती हैं, ना मिले तो मानो धड़कने रूकती हैं ।।
कभी ऐसे कुछ पल, जिन्दगी में आते हैं, जिन्हें यादों में कैद कर, यादों संग जीवन बिताते हैं। ये यादें नदी सी नहीं, जो किनारे ले बह जायेंगी, ये झील सा रूका पानी है, जो सदा थमी रह जायेगी।
इस झील के तट पर, समय के पल छिन सांझ सवेरे, रंग बिरंगे कमल मनोहर, रोचक सुन्दर रंग बिखेरे । ओढ़े रात जो अंधयारी दुशाला, चमके जुगनू दीप” घनेरे ।।
- संग अपने रंग अपने – Poems in Hindi For Class 10
औरों संग बिताते हैं, कुछ लम्हें अपने संग बिताओ । वो दबी अनकही सी बातें, ज़रा अपने होठों पर ले आओ ।।
सीने में जकड़े दर्द को, घोल आसुओं में छलकाओ । जो रोश16 तेरे अंदर है, शब्दों में उसे बतलाओ ।।
जो भार तेरे अंदर है, उतार ज़रा आज गिराओ । फिर खुद को पंछियों सा, आसमान में उड़ता पाओ ।।
फिर वो तेरी मुस्कुराहट, दिखावे की नहीं होगी । जो तेरे दिल में होगा, जुबां बस वही कहेगी ।।
शिकवे ना शिकायत की, कोई जगह बनेगी। जिस ओर तू चलेगा, मोहब्बत की फिज़ा18 होगी ।।
उन लम्हों से तुझे फिर, पहचान खुद की होगी । ज़िन्दा तेरे होने की, तुझको वहज मिलेगी ।।
- चंदा के गाँव में तारों की जेब में – Poems in Hindi For Class 10
मेरे घर की बड़ी सी खिड़की, जिससे देखू चाँद–सितारे । अंगना मेरे आते मिलने, समझू इनके सभी इशारे ।।
शर्मिला इक तारा मिला था, चंदा उसके पास खड़ा था । जैसे उसको बुला रहा था, तारा नज़रें चुरा रहा था ।
जब कारी बदरवा छाई, आंचल में वो चाँद छुपाई । तड़प के तारा भेद जा खोला, अपने दिल का हाल वो बोला । टिमटिमाकर आंसुओ की धार छुपाई, चंदा….चंदा…. आवाज लगाई ।।
थोड़ी दूर था दूजा तारा, लागे मुझको सबसे प्यारा । तारा मुझको देख रहा था, मानो आशीष वो भेज रहा था ।।
ममता की जैसे बारीश होती, जब भी मैं थी छत पर सोती । तारा वो मेरी थी मैया, सदा बिछाती स्नेह की छैय्या ।।
देखा फिर चाँद की ओर, जैसे देखे चाँद–चकोर । कितना सुंदर तुझे बनाया, तुझ पर सब का दिल है आया । तारे गोपी तू रास रचैया, आसमान का कृष्ण कन्हैया ।।
- राह ना सूझे – Poems in Hindi For Class 10
अरे ओ भटके हुए इंसान, भूला है तू खुद की पहचान, लूटा बेबस का घर तूने, बनकर इंसा से हैवान ।।
बूढ़ी माँ को घाँव लगाया, उसके तन से गहना चुराया, मदद को जिसने हाथ बढ़ाया, उसने तलवार का घाँव पाया ।।
जिस घर हवा खुशी की चलती, आज वहां मातम छाया है, अंगना सजी रंगोली पर, खून ही खून बिखराया है ।।
चंद रुपये 20 के लालच में, ऐसा तू करम बनाया है, हस्ते खेलते अंगना” को तू, शोक की भूमि बनाया है ।।
इन रूपयों से जब तू अपने, बच्चों को खाना खिलायेगाा, क्या तेरे दिल को उस बिखरे , घर का गम ना सतायेगा ?
इन रुपयो५० से जब तू अपनी, बेटी की डोली सजायेगा, क्या बेटी के चेहरे पर तू, शादी की खुशी को पायेगा ??
इन रुपयों से जो तू अपनी, माँ का इलाज करवायेगा, उसके जख्मी दिल में बसे, क्या दर्द को दूर कर पायेगा ??
माँ सोचे क्यों मैंने इस, पापी को था जन्म दिया, ऐसा कुकर्मी बेटा पाया, किन कर्मो का सिला मिला?
- करनी उस विधाता की, दया मेरे दाता की – Poems in Hindi For Class 10
तेरा मिलना इत्तफाक ना था, खुदा ने की इक साजिश थी। गवाह बादलों से बरसी, बिन मौसम की बारिश थी ।।
हजारों लोगों में, क्यों मुझसे ही टकराई तू । भुल के अपनी राह क्यों, मेरी राह चली आई तू ?
हवा चली क्यों इस तरह, चेहरे को आंचल छुपा दिया । सरका जो आंचल चेहरे से, नज़रो से नज़रें मिला दिया ।।
देख तुझे मैं जान गया, मेरे लिए बनी है तू । जनम–जनम की मेरी साथी, मेरे तसव्वुर में आई तू ।।
अकसर गालिब की गजलों में, तुझे महसूस करता था । ख्वाबों में तेरी धुंधली सी, तस्वीर” में रंग भरता था ।।
शुक्रिया खुदा जो तुमने मेरा, तसबूर” हकीकत में बदला है । दिल का मौसम पतझड़ था, आज बहारों में बदला है ।।
- रीत पापी संसार की – Poems in Hindi For Class 10
वो इक दिन था जब इस घर में, इक नन्हीं सी गुड़िया” आई। ये इक दिन है जब इस घर से, है उस गुड़िया” की विदाई ।।
दुल्हन बनकर सजी है बिटिया, मेहन्दी हाथों में रचाई । घर के जिस कोने को देखूं, उसकी ही यादें समाई ।।
रोज सवारे अंगना“में वो, चिड़ियों जैसे चहकती थी । सारे घर में खुशी फैलाती, फूलों जैसी महकती थी ।।
माँ पापा कहते कहते, कभी ना गुड़िया” थकती थी। कितनी भोली कितनी प्यारी, शरारत करके हंसती थी ।।
रोज सुन परियों की कहानी, सिर गोद में रख सो जाती थी। घर वालों के दिल की धड़कन, उस बिन जैसे खो जाती थी।।
सारे घर में रोज सवारे, खिलौनो का मेला लगाती थी। एक खिलौना भी जो टूटे, रूठ कहीं छुप जाती थी ।।
आज वो दिन है जब इस घर से, डोली उसकी जायेगी । देख उसे जाते इस घर से, आखें सबकी भर आयेगी ।।
आज सवेरे मुझसे बोली, तुम बिन दुनिया अधूरी है । देख मेरी आंखों में पूछा, क्या उसका जाना जरूरी है ?
11.सृजन करते जाएँगे Poems in Hindi For Class 10
चरणों में रख भाव पुष्प, समर्थ लेखनी को करते जाएँगे। हम सरस्वती पुत्र, सृजन नित करते जाएँगे।
उर को करेंगे हम पुनीत, सींच ऋचाओं के ज्ञान से । सभ्यता को करें समृद्ध, नित्य नव विज्ञान से।
भारत माँ के भाल हम, उन्नत नित करते जाएंगे। हम सरस्वती पुत्र, सृजन नित करते जाएंगे।
माँ भारती के आँचल पर, लिखेंगे नव कीर्ति गान। नत मस्तक होगी सारी दुनिया, विश्व गुरु का बढ़ेगा मान ।
बंजर हर उर को सींच, स्वदेश का भाव भरते जाएंगे। हम सरस्वती पुत्र, सृजन नित करते जाएंगे।
- माया Poems in Hindi For Class 10
तेरी” माया “तू ही जाने । निर्माण तू संघार तू नाव तू
मझधार तू माया तू बाजार तू कोई कैसे पहचाने
तेरी” माया” तू ही जाने । कण–कण में तृण – तृण में
आत्मा तू परमात्मा तू जन्मी निर्वाण तू कोई कैसे पहचाने।
तेरी” माया” तू ही जाने।
- वक्त कठिन है आज Poems in Hindi For Class 10
छल–कपट, लोभ–मोह का, फैल रहा साम्राज्य।
भले–बुरे का भेद है मुश्किल, आया वक्त कठिन है आज ।
लोग लिप्त हैं मृगतृष्णा में, फंस महत्वाकांक्षा के जाल ।
नींद–चैन सब खो गया, खोया तिलक ज्यों भाल ।
अपने मन को निर्मल कर लो, त्यागो लोभ, मोह और काम ।
मिट्टी के तन में चलो बसालो, दशरथ नंदन श्री राम ।
- माता–पिता Poems in Hindi For Class 10
गूंजी जो किलकारी तेरी, खिली उनकी मुस्कान ।
उन माता–पिता के चरणों में, हम करें नित्य प्रणाम।
सेवा उनकी करके अपना, जीवन सफल बनाएं।
ईश्वर के वरदान हैं वो, जन्म कृतार्थ हो जाए।
हो न आँखें गीली उनकी, कुछ ऐसा करें जतन।
आशीष उनका सदा लें हम, कर कोटि–कोटि नमन ।
- समय Poems in Hindi For Class 10
हे नौनिहालों! समय तुम्हारा, मन में लो तुम ठान ।
मस्तक जग में रहे ऊँचा, भारत बने महान।
हे वीर प्रशविनी माता के, पुत्र सुनो सुजान।
अंबर भी कम पर जाय, तुम लिख दो कीर्ति गान।
यश फैलाओ चहुँ ओर, कर लो आज यह प्रण।
मूल्य समय का पहचानो, बना जीवन को रण।
- उड़ान Poems in Hindi For Class 10
मै स्वप्नों के पंख लगाकर, विचरूँ जिस आकाश।
हाथ थामे प्रेरणा के, भरना तुम प्रकाश।
बिन तेरे मै कुछ वैसी, जैसे खग पंख विहीन।
हौसलों के पर से तेरे, अंबर नापूं मै अंतहीन ।
विघ्न बाधा से मार्ग हमारा, न हो कभी अवरुद्ध जब तक हैं
हम साथ हमारे, न होगा समय विरुद्ध।
संग खड़े रहना अविचल, जैसे रहता खड़ा चट्टान ।
भला रोक सकेगा कौन, तेरी–मेरी अनंत उड़ान ।
- आरजू Poems in Hindi For Class 10
कैमरा इतनी बस इतना सी आरजू हर सोंच में शामिल रखना मुझे जैसे मै रखती हूँ
आँखों में तेरा ही रूप ले सोऊं जागूँ जब मन के अंबर में तुम्हें ही मुस्कुराता पाऊं
होना तुम्हीं प्रतिबिंबित झिलमिल ओस की बूँदों में सायं जब नभ में सिंदूर सा बिखरा हो
गोधूलि में तुम्हीं नजर आना हल करे जब पुरवाई आँचल को तुम्हीं छूकर जाना
आँखों में भर सुरमई ख्वाब मेरा हाथ थामे तुम नीले अंबर की सैर कराना
पूरी करना सदा मेरी इतनी सी आरजू
- मेरे एहसास Poems in Hindi For Class 10
आँखों से तुम दूर हो, हो दिल के इतने पास।
समेट लेती हूँ ख्वाब में, तुझे अंक में लेते मेरे एहसास ।
समा कुछ ऐसा होता है, सब में दिखता है
तेरा खुशबू तेरी पास मेरे, नूर । और तू आँखों से दूर ।
वैसा पल भी आए जो, मैं करूँ तेरा दीदार।
अँखियाँ प्यासी तृप्त हो, मन पर पड़े फुहार ।
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- रुह हूँ मैं Poems in Hindi For Class 10
तुम देखो मुझे देह से परे रूह हूँ मैंमैली हो गई है मेरी देह की चादर
परे हैं निशान इसपर कुत्सित कृत्यों केजिसका निशाना बनी थी मैं
माना मैंने जीना है मुझे इसे ही ओढ़ करतुम मुझे मेरी देह को
मेरी पहचान न समझना धवल सी मेरी रूह बेदाग है
सदा की तरहओ विधाता ! तुम्हें मुझ पर गर्व होगा कि
मैं तेरी सृजन हूँ नही फैलाती मैं अपना हाथ तेरे आगे
नही माँगती भी कुछ टूट कर जुड़ना है मुझेमैं तेरी सृष्टि का अंश हूँ
मैं स्वयं साकार करूँगी वह हर सपना जो मुझे गढ़ते समय
मेरी आँखों में भरे थे तुमने ओ विधाता । गर्व करना तुम ।
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- रिश्ता Poems in Hindi For Class 10
सारा जग एक उपवन है, यहां रिश्तों की फुलवारी है।
फूलों जैसे रिश्तों की, सुरभित हर एक क्यारी है। दादा–दादी के किस्सों सा,
रिश्ते नानी के गाँव का। रिश्ता माँ के आँचल का, रिश्ता पीपल की छाँव का।
हर भाव समाहित रिश्तों में, जो मिलती है किश्तों में ।
जीवन की धूप और छाँव में, बचपन में खेले गाँव में । बचपन का मधुर दुलार यहाँ,
यौवन का श्रृंगार यहाँ । मिले–बिछडे कितने संगी, रिश्ते उन संग सतरंगी ।
रिश्ते कितने बेनाम यहाँ, है उनकी भी पहचान यहाँ ।
माँ बहन के आँचल सा, कुछ रिश्ते हैं गंगा जल सा।
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