If you searching for the best emotional poems in Hindi then you are in the right place. Here I’m sharing with you unique emotional poems in Hindi which is really amazing and interesting I’m sure you will like it and appreciate it. These emotional poems also encourage you in your life.
1.कभी तनहाई में Emotional Poems in Hindi
वर्षा की उस प्रथम बूंद –सी सौंधी खुशबू दे जाता है, तनहाई में कभी कभी जब प्रथम प्रेम वो याद आता है…
सहज, विमल , वो चंद्र किरण –सी मृदु हँसी तेरी है बाकी लेकिन कभी वो तेरा रोना,
और तुनकना याद आता है. तनहाई में कभी कभी जब प्रथम प्रेम वो याद आता है
कितने ही जो साथ बिताये मैंने – तूने पल जो प्यारे – बातें करती आंखें अपनी,
वो चुप रहना याद आता है. तनहाई में कभी कभी जब प्रथम प्रेम वो याद आता है …
बीत गए सब निशा – दिवस वो, बीत गए वो चंचल सपने;
फिर भी यादों के रस्ते जब कोई स्वप्न दिल धड़काता है।
तनहाई में कभी कभी तब प्रथम प्रेम वो याद आता है,
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- फिर से रुमानीEmotional Poems in Hindi
तन्हाई को बोलने दो – यादों की दस्तक पे कभी दिल के दरवाज़े खोलने दो !
हंसो कभी, मुस्कुराओ थोडा, दोहराओ वही कहानी – कभी कभी अच्छा ही है ‘गर हो जाओ फिर रुमानी
- किसी कलम से यूं ही Emotional Poems in Hindi
सोचा करता हूँ भूलूं तुम्हें, पर लगता है तुम याद कहाँ ….
तुम बसती हो मेरे मन में, या कोई छलावा बसा वहाँ.
ये प्रेम है या ये श्रद्धा है, मैं पता नहीं कर पता हूँ देखो तो कैसा खेल है ये, ख़ुद अपनी थाह न पाता हूँ.
मन मेरा थोड़ा चंचल है, बस तुम पर ही आ जाता है। सोचा करता बस तुमको ही, कुछ और न करने पाता है.
मैंने इसको ही समझाया, कुछ धमकाया, कुछ फुसलाया पर मेरी एक न सुनता है,
अपने ही सपने बुनता है, खोया रहता बस तुम में ही, और नही , कुछ और नही कुछ
अब मैंने निश्चय है ठाना – तुम को होगा मन जाना… या सुननी होगी व्यथा मेरी,
ये प्रेम की करुण–सी कथा मेरी. कुछ तुम बोलो, कुछ हम बोलें, मन के सारे बन्धन खोलें…
न जाने मन में रहता क्या , चुप तभी था मैं कुछ कहता क्या
- तो शायद कुछ अच्छा होता Emotional Poems in Hindi
‘गर तुम मुझ से प्यार न करती ‘गर तुम यूँ मुझ पर न मरतीं तो शायद कुछ अच्छा होता…
न सोचा करतीं तुम ऐसे भला रहूँ मैं रहूँ जहाँ भी ‘गर चुप्पी हमको न अखरती तो शायद कुछ अच्छा होता..
होती तुम भी औरों जैसे वफ़ा निभाना खुदा न होता सोच ज़रा यूँ दूर निकलती तो शायद कुछ अच्छा होता..
- साथ तुम्हारा छूट गया है Emotional Poems in Hindi
१. संग मेरे तुम रहती हरदम संग सदा चलती थी मेरे कुछ न था तेरा न मेरा
सुख दुःख सब थे मेरे तेरे जनम जनम का जो था सोचा रिश्ता अब वो टूट गया है साथ तुम्हारा छूट गया है..
२. कितने दिन और कितनी रातें कितनी ! हाँ, कितनी ही बातें
मैंने तुझको तुने मुझको जो बतलाई नैन की पातें जीवन भर थी जो सारी हाय !
उन बातो का संचय न जाने सहसा ही कोई कौन लुटेरा लूट गया है साथ तुम्हारा छूट गया है..
३. माना था बस तुमको अपना बाकि सारा जग था सपना सपनो के सपने ही बुनते देख सका सच्चाई तक ना
सपने से जागा तो देखा छन–से शीशा टूट गया है साथ तुम्हारा छूट गया है…
- एक कोना Emotional Poems in Hindi
खाली खाली आज दिल का एक कोना भासता है कुछ छुपी, कुछ दरबी, उलझी जाने कैसी दास्तां है
एक कोना हरा था औ‘ भरा था प्रेम रस से हो गया था सूख जर्जर
हुए थे सब स्वप्न अवश से सोच बैठा था ये माली
रीता उपवन सूखी डाली उस समय उस जड़ चमन की तुमने क्यारी सींच डाली
लहलहाई फ़िर से कलियाँ
पंछी फ़िर से चहचहाये मत्त हो उस मत्तता में खग –विहग ने गीत गाये माली भी पुलकित हुआ तब था मुदित मन वो प्रफुल्लित पर प्रारब्ध की चाल टेढ़ी भाग्य के भी खेल कुत्सित
प्यार टूटी जाने कैसे जाने कैसे स्रोत्र सूखा प्रेम रस से भीना –भीना वो ह्रदय भी हुआ रुखा
डाली सूखी , सूखा उपवन खग –विहग का करुण क्रन्दन
चीरता दिल, करता टुकड़े – माली का उजड़ा था उपवन
छोड़ो, वह तो है पुरानी बात ,
ये सब कालवश था मेरा ही मन था वो उपवन – मैं था माली– मैं विवश था
आज जाने क्या हुआ है कौन रोग है, क्या पता है खाली–खाली आज दिल का एक कोना भासता है …
- अंतर्दर्शन / खोज Emotional Poems in Hindi
रिश्ते सारे अब बदल गए मुझ में तुझ में वो बात नहीं. अब राहें अपनी जुदा –जुदा कुछ तेरा –मेरा साथ नही
पर पता नहीं क्यों कभी कभी न जाने कहाँ से , चुपके से एक याद तेरी जो आती है जागे कुछ अरमां दुबके –से.
‘मैंने तुझको ही भुला दिया ये मन तो मान नही पाता, मैं मूर्ख बनाता हूँ ख़ुद को आइना मुझे ये दिखलाता .
मैं तो अब खुद से हार चुका तेरी बातें करते करते, अब ‘वो‘ ही राह दिखायेगा मैंने सोचा चलते चलते
- प्रलाप Emotional Poems in Hindi
सखी ! बड़ी ही निर्मोही तुम – निर्मम है पाषाण ह्रदय – कोमल भाव जो देख न पाया, न देखा नैनों का अमय …
न जाना तूने किस भांति व्याकुल रहते प्राण मेरे – ज्यों चातक–सा था मन मेरा स्वाति थे जो नैन तेरे …
कभी न जानी पीड़ हिये की न आकुल अन्तर जाना, पास बुला फिर घोर उपेक्षित करना ही मंतर माना …
क्या क्रीडा, कुछ समझ न पाया – न जाना ये खेल तेरा, ज्ञात तुझे किंचित पहले था – हो न मुझसे मेल तेरा…
ऐसा था तो है ! फिर क्यो खेल किया ये संग मेरे ? क्यो गा के रागिनी जगाया – सुप्त पडे जो भाव मेरे !
दैव रचित निज भाग्य जानकर मैं लेता संतोष अभी लेकिन तूने क्या किया, ओ! तोड़ के मेरे स्वप्न सभी?
- रात्री (निशा) Emotional Poems in Hindi
जब रवि छिप जाते क्षितिज पीछे, होतें हैं शशि शोभित नभ पे – सपने जागते जगती के तब मन आकुल होते हैं सब के.
इठलाती पहने तारक – माल – रजनी –बाला हरती मन को, शीतल समीर करता विदीर्ण विरहित हृदय के प्रीतम को .
जुगनू करते जग –मग –जग –मग, पत्ते मर –मर –मर –मर करते हैं ध्यानस्थ –से बैठे वृक्षों पर मानो उलूक तप करते हैं.
निद्रा देती उपहार उन्हें, विश्राम का जो कर श्रम दिन भर हो चुके क्लांत – फिर जागेंगे एक नई चेतना को लेकर.
- ब्रह्म in Hindi Emotional Poems
सारे मुख उस एक ब्रह्म के सारे नेत्र उसी के हैं; हैं सारी नासिक उसी की सारे क्षोत्र उसी के हैं ! –
एक वही जो सदा भासता लेकर नित नित रूप नए; दिखते हैं जो और ना दिखते सब स्वरूप उसी के हैं!
सुविचार उस एक ह्रदय के एक ही है मन हम सब का; मात , पिता , गुरु स्वयं वही है हम सब खेल उसी के हैं !
एक वही बन पवन है बहता हर वन उपवन , हर घाटी; छम–छम–छम सावन में बरसे काले मेघ उसी के हैं ! –
वही रवि है बना दिवस में – औ‘ रात्रि का शशि वही; कितने अगणित , नभ में शोभित – तारक रत्न उसी के हैं!
वही विष्णु, वही ब्रह्मा, वही शिव बना हुआ है विराज रहा; सृष्टि, पालन संहरों के सारे खेल उसी के हैं!
नही शेष कुछ सिवा उसी के – सब कुछ उस से आच्छादित ; ये मन , ये तन , ये श्वासें औ ‘ अब ये प्राण उसी के हैं !
- विनती Emotional Poems in Hindi
तुम कर्ता धर्ता भी तुम ही तुम ही हो जग के आधार हम सब कठपुतलियां है तेरी लीला तेरी अपरम्पार
जो होता तुझसे होता है हम बस माध्यम मात्र रहे सुख दे तू तो सुख से रह लें दुःख दे तो वो दुःख भी सहें
गर्व न हो कभी लेशमात्र भी जो दीखता सब है लीला तेरी, तू ही विश्वनियन्ता जैसे चाहे तू खेला
कर जोड़ें हम करे ये विनती हमको इतना ज्ञान रहे हम हैं तेरे अंश सदा ही बस तेरा ही ध्यान रहे
- याचना Emotional Poems in Hindi
इस जग–जगती के प्राणों में, हो बस तेरा आधार, हरे ! इस सकल जगत की क्रीडा में,
होवे लीला विस्तार , हरे !! हो लक्ष्य यही इस जीवन का – पावें तुझको साकार ,
हरे ! इतनी तो कृपा कर दे, भगवान, रहे ह्रदय में तेरा प्यार , हरे !!
- उदघोष्णा Emotional Poems in Hindi
जला नहीं सकती है अग्नि, काट नहीं सकती तलवार ! नहीं डुबोता पानी मुझको पवन न पाए मुझ से पार !!
मैं अनंत हूँ दिव्य सनातन, मैं सत हूँ चित्त हूँ आनंद। मुक्त दूं मैं परमहंस–सा. बांध सके न कोई फंद!
आता जो कुछ पंचद्वार से और जो कुछ जाता बाहर बस वो है एक छल, एक सपना – मिले न कुछ उसको पाकर…
जानता हूँ मैं सत्य सनातन और जानता मैं अनश्वर ! हूँ तो इस धरती का मानव पर मैं ही हूँ परमेश्वर !!
मैं निस्सीम मैं विभु मैं व्यापक न कुछ मेरा परिवार ! सूक्ष्म भी मैं, अतिसूक्ष्म भी मैं ही – मैं जीवन ! मैं ही संसार !!
सुनो सुनो, ओ ! यदि जो चाहो जीवन जीने की विद्या – “एक बस तुम ही सत्य सनातन
बाकि सब है जड़, मिथ्या” “जो तुम हो बस उसको जानो बाकि जो भी सब है शेष छोड़ दो उसको जैसा है वो रहो सदा बस तुम निः शेष “
- लेखा–जोखा Emotional Poems in Hindi
बीत गए कुछ लम्हे हँसते, रोते रोते कुछ बीते कितना ही कुछ हार गए हम लेकिन थोडा–सा जीते.. ,
दूर कहीं जो बीत गयी वो बात पुरानी लगती है रोज़ नया दिन अब तो हमको नयी कहानी लगती है;
दिल के जो भी हुए थे टुकड़े बैठे हैं उनको सीते कितना ही कुछ हार गए हम, लेकिन थोडा–सा जीते
जिनको भी समझा था अपना जिनसे दुनिया बसती थी, जिनके होने से ही हम थे जिनसे अपनी हसती थी छोड़ गए वो कितना तनहा,
आंसू भी अब तो रीते ! कितना ही कुछ हार गए हम, लेकिन थोड़ा–सा जीते ..
जीवन के हैं खेल निराले हार–जीत का पता नहीं – शीश महल–सा जादू है सब ; सही गलत, तो गलत सही !
कहीं कहीं पे सही रहे हम लेकिन कहीं गलत भी थे कितना ही कुछ हार गए हम, लेकिन थोडा–सा जीते..
- पहचान Emotional Poems in Hindi
सोचा करता हूँ कभी कभी मैं कौन हूँ क्या पहचान मेरी ?
क्या मैं इक माँ का बेटा हूँ जिस पर कि नेह बरसता है माँ के शीतल आँचल में जिसे बैकुंठ – सा ही सुख मिलता है
या भाई हूँ बहनों का जिनसे जितना है प्यार मिला नही अणु धरा पर हैं उतने औ‘ ना ही अम्बर में तारे
या प्रेमी हूँ उस बाला का मन में है जो, और है भी नही सोचा करता नित उसको ही जिसका मुझे कुछ पता नहीं
या मैं हूँ एक कर्मठ लड़का जैसा की दुनिया कहती है पाना है कुछ मुझको भी यहाँ इच्छा मेरी भी रहती है
खोजे चलती है नित मन में प्रश्नों के ज्वार भी उठते हैं मन लंबे डग ले चलता है यादों के दल आ जुटते हैं
यह मौन प्रश्न नित मुखरित हो मेरे ही इस अंतर्मन में
उठता है , कहता है मुझसे मैं कौन हूँ, क्या पहचान मेरी?
उत्तर जिस दिन पा गया कभी वह दिवस पता कब आएगा उस दिन मेरा मन मुझ से ही पहचान मेरी करवाएगा !!
- महासागर में अर्जुन Emotional Poems in Hindi
आज मेरी स्तिथि है उस अर्जुन से जो खड़ा है महासागर में दो सेनाओं के बीच अपने कर्तव्य से
विमुख हुआ जाता है जो; जानता है पूरे पक्ष की इच्छाओं और अभिलाषाओं का बोझ उसे ही उठाना है अपने कन्धों पर –
पर वे कंधे ही आज शिथिल पड़ गए हैं ! गुंजायमान कर देता तीन भुवन को जो उसी गांडीव की टनकार आज
डरा रही है निज मन को ही क्या कारण है ?? पता नहीं.. मन किसी अनजाने अनिष्ट की आशंका से कम्पित हुआ जाता है;
आवश्यकता है आज उसे किसी कृष्ण की जो अपने गीता ज्ञान से काटे भ्रम के तम को दिखाए रह सही
इस डरे हुए अर्जुन को राह सही , कर्तव्यपरायणता की …
- समझौताEmotional Poems in Hindi
अपने हालात से समझौता किये जाता हूँ फ़ना होता हूँ हर एक लम्हा मैं हर एक लम्हा मैं जिए जाता हूँ
ग़ुम हो जाता हूँ मैं अपनी ही तनहाइयों में और तनहाइयों में ही सुकूँ पाता हूँ फ़ना होता हूँ
हर एक लम्हा मैं हर एक लम्हा मैं जिए जाता हूँ छोड़ बैठा हूँ मैं उम्मीद एक उजाले की अब अंधेरों में ही गुनगुनाता हूँ
फ़ना होता हूँ हर एक लम्हा मैं हर एक लम्हा मैं जिए जाता हूँ
- उम्र बिता दी Emotional Poems in Hindi
उम्र बिता दी बेज़ा हमने अच्छे से कुछ कर न सके पूरा जूझ न पाए गम से पूरा और हम डर न सके
अच्छा जिसको समझा हमने उसने ही तो बुरा किया बुरा जो करते थे उनका भी अच्छा थोडा कर न सके उम्र बिता दी बेजा हमने..
खुश थे कितने कितने गमगीं कितने ऐसे वैसे थे जैसे थे वैसे अच्छे थे बदल नया कुछ कर न सके उम्र बिता दी बेज़ा हमने..
बचपन के कितने थे अरमाँ कितने ही तो सपने थे सपने ही सपने रह पाए बच्चे थे – कुछ कर न सके उम्र बिता दी बेज़ा हमने
बदल गया जो हमको उसने मुडके भी फिर न देखा दूर तलक बस देख ही पाए रहे पड़े जड़ – चल न सके उम बिता दी बेज़ा हमने
कभी कहीं तो कभी कहीं पर सोचा कहीं किनारा हो घुमे ऐसे ही आवारा एक कोई घर कर न सके उम्र बिता दी बेटा हमने…
कभी उसे ईमान बनाया उसकी कहीं दुहाई दी लेकिन कोई एक ही मालिक ईश्वर अल्लाह कर न सके उम्र बिता दी बेटा हमने…
- कविता Emotional Poems in Hindi
कविता क्या है?? कविता एक भरे हुए दिल की आह – एक विफल प्रेमी की कराह है. .
कविता आंसू हैं दिल के जो छलक आए है कागज़ पर …
कविता है बारिश के पानी का छम–छम… कविता है सूखे पत्तों का मर– मर ..
लेकिन ये न सोचो कविता केवल थके हारे हुए लोगों की आवाज़ है …
भर देता है निष्प्राण मुर्दे को जीवन के स्पंदन से..
ये वो अनोखा साज़ है … और ये है एक माध्यम …
जो कवि को कर देता है एक उस अनंत चैतन्य से…
जिसने ये सारी सृष्टि निर्मित की है… जब कवि एक नई कविता रचता है…
तब क्या वो ही एक नई सृष्टि नही रच रहा होता है ??
जब हँसता है कवि.. तो वो ही हंस रहा होता है …
और जब कवि रोता है .. क्या वो ही नही रोता है !!
Thank you for reading these Emotional Poems in Hindi I’m sure you would like it. In this article versus type emotional poem, you can find and read it if you want you can share these poems with your friends and family I’m sure they will also like these poems, and thank you for sharing these poems.
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